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सोमवार, सितंबर 29, 2014

सड़क

मेरे जीवन का अभिन्न अंग है ,
हर पल मेरे साथ रही, सच्चे मित्र की तरह, सड़क।  


माँ लाई थी अस्पताल से घर तक मुझको,
जन्म से यात्रा में साथ है, सड़क।

धीरे धीरे बड़ा होने लगा, लड़खड़ा कर चलने लगा,
मेरे पहले पग की साक्षी है, सड़क।


 घर से दफ्तर, और दफ्तर से घर,
प्रतिदिन संसार से मुझको  मिलाती, सड़क।        

कभी समर्थन, कभी विरोध,
हर बात पर जाम की जाती, सड़क।


धुंधली दृष्टि, फिर भी याद है मुझको,
घर तक कौन सी ले जाती, सड़क।

जानता  हूँ बफ़ादार है यह,
अंतिम यात्रा में भी साथ होगी, सड़क।


अनुरोध "सन्दर्भ"

www.astro-healer.in

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